Remembering :
मैं भी आपकी तरह एक विद्यार्थी हुं इसलिए मैं आपकी पढ़ाई को याददाश्त में बनाए रखने की परेशानी को अच्छी तरह से जानता हूं। जो होशार विद्यार्थी तो याद रख लेते है सब कुछ और परीक्षा में अच्छे अंक लाते है, लेकिन हमारी तरह साधारण विद्यार्थी उनकी तरह कैसे याद रखे? कैसे अपने दिमाग की याददाश्त बढ़ाए? कैसे टॉपर विद्यार्थी बने? यह बहुत बड़ी परेशानियां आती है। तो आप इसमें जानेंगे की, कैसे किसी भी पढ़ाई को टॉपर विद्यार्थी की तरह दिमाग में याद रखा जाए वैज्ञानिक संशोधन से सिद्ध किए गए active recall technique के सहायता से।
Best study technique:
एक्टिव रिकॉल तकनीक को एक बेहतरीन / प्रभावी रूप से पढ़ाई करने के लिए या उसे ज्यादा समय तक याददाश्त में याद रखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सर्वोत्तम स्टडी तकनीक मानी जाती है। एक्टिव रिकॉल तकनीक यह ऐसा तरीका है जिससे साधारण विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे गुण लाने और टॉपर विद्यार्थी बनने के लिए उपयोग कर सकता है।
एक्टिव रिकॉल तकनीक है क्या? तो रिकॉल तकनीक मतलब किसी विषय को विस्तार से पढ़ने के बाद उसे कही भागों में विस्तारित करके उसके ऊपर अलग अलग सवाल बनाकर खुदसे सवाल पूछना या उसपर खुदसे परीक्षा लेना होता है। बहुत सारे विद्यार्थियों को अपने आप से सवाल पूछना ही नहीं आता। खुद की परीक्षा लेना यह एक टॉपर विद्यार्थी की पहचान होती है और टॉपर विद्यार्थी एक्टिव रिकॉल तकनीक का इस्तेमाल बहुत अच्छे तरीके से करते है और उससे बेहतरीन पढ़ाई होती है और हमारा दिमाग खुल जाता है।
हम जब पढ़ाई करते हैं तो सिर्फ विषयों के knowledge (ज्ञान) को अपने दिमाग में डालने की कोशिश में लगे रहते हैं। उसे बार बार पढ़कर, रट्टा मारकर याददाश्त में रखने लगते है। लेकिन यह कोई पढ़ाई की कारगर तकनीक नही है। इससे आपको उतना फायदा नहीं मिलेगा। लेकिन एक्टिव रिकॉल तकनीक आपके दिमाग के अंदर डाले हुए नॉलेज / ज्ञान को बाहर निकालकर उसके साथ खेलने की तरह है। जब हम हमारे उपलब्ध ज्ञान को practically (जीवन में) उतारने की कोशिश करते है, उसके साथ खेलते हैं तो हमारे दिमाग के Neuro Cells उस विषय के प्रति ताकतवर हो जाते है। अगर आप कोई game खेल रहे हो बार बार तो आपका दिमाग वह game खेलने में बहुत तेज हो जायेगा। इसी तरह जब हम पढ़ाई के साथ खेलने लगते हैं तो उसमे भी हमारा दिमाग टॉपर की तरह तेज हो जायेगा। जिससे वह चीज भूल पाना असंभव हो जाता है।
Active Recall Scientific Study (वैज्ञानिक संशोधन) :
एक संशोधन में वैज्ञानिकों ने 4 तरह के विद्यार्थियों को बुलाया और एक विषय को पढ़कर याददाश्त में रखने को कहा। उनमें से पहले विद्यार्थी को सिर्फ एक बार पढ़ने के लिए कहा गया, दूसरे विद्यार्थी को उसी विषय को चार–पांच बार पढ़ने को कहा, तीसरी विद्यार्थी को उस विषय को पढ़कर उसकी एक कहानी बनाकर याद रखने को कहा गया। और चौथे विद्यार्थी को उस विषय को पढ़कर, उसे समझ कर, उस पर अलग अलग तरह के प्रश्न बनाकर खुद की परीक्षा लेने कहा गया। और कुछ दिनों बाद सभी विद्यार्थियों को उसी विषय के बारे में बताने को कहा गया तो (Result) अंजाम चौंकाने वाले थे। तीसरे विद्यार्थी को सब याद था लेकिन जब उसको उसी विषय के बारे में कुछ अलग तरह से घुमा फिराके के प्रश्न पूछे गए तो वह उसके जवाब देने में असमर्थ था। लेकिन चौथे विद्यार्थी के एक्टिव रीकॉल तकनीक की वजह से वह टॉपर की तरह ज्यादा अच्छे तरीके से उस विषय को याददाश्त में रख पाया और अच्छे तरीके से बता पाया।
Active recall technique को कैसे इस्तेमाल करे ?
एक्टिव रिकॉल तकनीक में खुद की परीक्षा या खुद से सवाल पूछने होते हैं। लेकिन कुछ विद्यार्थी इसका गलत मतलब निकाल लेते हैं और वह सोचते हैं कि, जो विषय वह पढ़ रहे हैं उसे पढ़ने के बाद उसके ऊपर परीक्षा दे या फिर उसके ऊपर दिए गए किताबी सवाल के जवाब दे। लेकिन एक्टिव रिकॉल तकनीक ऐसी नहीं है।
एक्टिव रिकॉल तकनीक को पढ़ाई के साथ साथ पढ़ते समय इस्तेमाल किया जाता है। जैसे: आपने किसी किताब का एक सारांश पढ़ा, तो अब किताब बंद करें और खुद से पूछे कि, मैंने क्या पढ़ा? इसमें क्या क्या मुद्दे बताए गए हैं? मैं इन मुद्दों को अपनी जबानी कैसे बता सकता हूं? इसे कम शब्दों में कैसे लिख सकता हूं ? यह चीज ऐसी क्यों है? आदि। इस तरह के सवाल पूछ सकते हैं।
आप उस सारांश पर अलग-अलग सवाल भी तैयार कर सकते हो। जितने ज्यादा सवाल बनाकर उसे समझोगे और जादा से जादा दिमाग पर जोर दोगे तो आपकी पढ़ाई और ज्यादा अच्छी होगी। जब आप इस तरह टॉपर की तरह पढ़ोगे और दिमाग पर ज्यादा जोर दोगे तो आपकी उसे याद रखनी की क्षमता बढ़ जाएगी और आप भी टॉपर विद्यार्थी बन जाओगे।
Active recall technique किस तरह काम करती हैं ?
हम जब भी किसी चीज को पढ़ते हैं तो हमारा पूरा दिमाग Passive State में चला जाता है। मतलब दिमाग एकदम शांत हो जाता है जिससे दिमाग के अंदर के cells (कोशिकाएं) भी आराम की स्थिति में आ जाते हैं। लेकिन जब हम एक्टिव रीकॉल स्टडी तकनीक को इस्तेमाल करने लगते हैं तो हमारा दिमाग शांत स्थिति से हटकर Active State में आ जाता है। और उस स्थिति में हमारे दिमाग के muscles पर जोर पड़ता है। और जोर पढ़ने से वह जादा तेजी से चलता है, वह अच्छे से समझने के काबिल होता हैं और उसकी वजह से दिमाग ज्यादा समय तक उस विषय को याद रख पाता हैं।
अंत में : —
अगर आप एक्टिव रिकॉल तकनीक का उपयोग कर रहे हैं तो शुरू में आपको बहुत ज्यादा आलस पूर्ण (boaring), कठिन लगेगा। उस विषय को पढ़ने में ज्यादा समय भी लगेगा। तकनीक थोड़ी कठिन जरूर है, लेकिन भरोसा रखिए क्योंकि यह तकनीक सबसे ज्यादा कामयाबी दिला सकती है और आपको टॉपर बनाने में कारगर साबित हो सकती है। इस तकनीक से आपके दिमाग की याददाश्त बढ़ने में भी मदद मिलेगी इसलिए दिमागी क्षमता बढ़ाने के लिए इस प्रक्रिया को दोहराना वैज्ञानिक तौर पर सही है. पढ़ते रहें, आगे बढ़ते रहे, हमेशा खुश रहे, शुभकामनाएं ।