Blockchain Kya Hai In Hindi: It’s Features, Types & Future!

Blockchain Kya hai ?
Table Of Contents
  1. Blockchain Kya Hai In Hindi
  2. Blockchain kaise kaam Karta hai?
  3. Features of Blockchain In Hindi :
  4. Types of Blockchain In Hindi :
  5. Future of Blockchain In Hindi :
  6. Peoples Also Ask?


Blockchain Kya Hai In Hindi

Blockchain को सरल भाषा में कहें तो किसी भी जानकारी को वितरित करके बड़े से कंप्यूटर नेटवर्क में रिकॉर्ड करने की एक प्रणाली है, जिसमे एकबार रिकॉर्ड कि गई जानकारी को बदलना, छेड़छाड़ करना, उसे हैक (धोका) करना मुश्किल या असंभव हो जाता है।

Blockchain प्रणाली जानकारी को इलेक्ट्रॉनिकल स्वरुप में डिजिटल खाता बही में इकट्ठा करती है। (बही खाता मतलब, एक दुकान में जैसे बहुत सारे रिकॉर्ड्स होते है customer के, सामान के, जिनमे कोनसा सामान कब आया – कब गया, किसके पास से आया – कहा गया, तो इस सारे रिकॉर्ड्स की किताब को हम ledger / बही खाता कहते है। ) आज के समय में Blockchain का सबसे ज्यादा और लोकप्रिय उपयोग cryptocurrency में होता है जिससे लेनदेन के जानकारी का रिकॉर्ड सुरक्षित Secured और decentralized (विकेन्द्रीकृत) तरीके से रख सकते है। 

Blockchain Decentralized या विकेंद्रीकृत प्रणाली मतलब उसकी किसी एक इंसान के पास कंट्रोल या authority नहीं होती है, वह सबके साथ share ( सांझा ) किया जाता है। आप यहां पे होने वाली सभी लेनदेन को देख सकते हो।
Blockchain Secured सुरक्षित हम इसलिए कह सकते है क्योंकि, blockchain में सब लोग यह तो देख सकते है कि, क्या क्या (transaction) लेनदेन हो रही है, कितनी हो रही है। लेकिन यह पता नहीं चलता है कि, वह लेनदेन कौन कर रहा है? और कहा से कर रहा है?

Blockchain पहले 1991 में आया था। Stuart Haber और W. Scott Stornetta ने तब इसकी रिसर्च शुरू की थी। लेकिन सबसे पहले Satoshi Nakamoto ने blockchain का इस्तेमाल करके 2009 में bitcoin बनाया था और तभी से cryptocurrency की शुरुवात हुई। 

Example: 
दुनियाभर में बहुत सारा blackmoney (काला धन) का लेनदेन होता है यह तो सबको पता ही है, इन सब लेनदेन का रिकॉर्ड कही न कहीं, किसी डेटाबेस में स्टोर होता है। पर हम उस डेटाबेस को भरोसेमंद नहीं मानते है, क्योंकि पहली बात तो हमें उस डेटाबेस की access हमारे पास नहीं रहती, हम उस लेनदेन को नहीं देख सकते और दूसरी बात उस डेटाबेस का admin कभीभी उस लेनदेन के डेटा को बदल सकता है। इसीलिए इतने सारे काले धन का लेनदेन होते हुए भी यह लोग पकड़े नहीं जाते क्योंकि यह लोग उस डेटा से छेड़खानी करते है। 

हम कोई भी पारंपरिक डेटाबेस में यह जानकारी संग्रहित करके रख सकते है। लेकिन विशिष्ट डेटाबेस प्रणाली और blockchain प्रणाली में यही अंतर है कि, blockchain में जानकारी को किस तरह से decentralised और संरचित रूप ( structured form ) में बनाए रखता है। Blockchain एक ही जगह पर संग्रहित करने की जगह, वह उस जानकारी को समूहों मे इकट्ठा करता है उसे हम blocks कहते है। सिर्फ blocks की बात करे तो वह एक डिजिटल स्वरूप में आभासी डब्बे की तरह होते है। हर एक ब्लॉक में कुछ सूचनाएं होती है। उस सूचनाओं के हिसाब से वह ब्लॉक्स जानकारी को अपने पास store करते है। (उदाहरण : bitcoin के प्रणाली में स्टोर होगी bitcoin की लेनदेन की जानकारी। वह कहा से आया, कहा गया आदि।) ऐसे ही अलग अलग जरूरत के प्रणाली के हिसाब से वह सूचनाएं बनी होती है।

और हर एक blocks की अपनी store करने की क्षमता होती है। जब समूहों में जानकारी आती है तो वह block भर जाता है और उसके बाद जानकारी अगले वाले block में चली जाती है। block भरने के बाद वह पहले वाले blocks से जाकर जुड़ जाते है, इसी तरह बड़ी सी chain बन जाती है और इसी बड़ी blocks के chain (श्रृंखला) को हम blockchain कहते है। 
इस तरह की संरचना से अपरिवर्तनीय समयरेखा (timeline) बनती है जिसे बदलना असंभव हो जाता है। इसी के कारण blockchain एक decentralized प्रणाली बनाती है। इसीलिए blockchain को distributed ledger technology ( वितरित खाता प्रौद्योगिकी ) भी कहा जाता है।

Blockchain की database प्रणाली जानकारी को एक बड़ी computer network में इकट्ठा की जाती है। जहां कही सारे हजारों – लाखों computers operate करते है और वह एक दूसरे से नेटवर्क में जुड़े होते है। इन व्यक्तिगत कंप्यूटर्स को Nodes कहा जाता हैं।

KEY TAKEAWAYS

Blockchain एक डिजिटल खाता बही या database प्रणाली है जहा जानकारी इकट्ठा की जाती है।
Blockchain अपनी जानकारी कहीं सारे कंप्यूटर से बने नेटवर्क में रखता है।
जानकारी को इकट्ठा करते वक्त blocks की बड़ी chain बनती है इसीलिए इसे blockchain कहा जाता है।
जानकारी प्रविष्ट होने के बाद blockchain प्रणाली में उसे कोई भी बदल नहीं सकता।
जानकारी को बदलना, छेड़छाड़ करना, उसे हैक (धोका) करना मुश्किल या असंभव हो जाता है इसीलिए उसे distributed ledger technology ( वितरित खाता प्रौद्योगिकी ) भी कहा जाता है। 
blockchain जानकारी को सुरक्षित रखने की प्रणाली है। 
Blockchain यह एक decentralized विकेंद्रीकृत प्रणाली है।
Cryptocurrency जैसे बड़ी लोकप्रिय तकनीकी का दिल (heart) Blockchain को ही माना जाता है।

KEY TAKEAWAYS

Blockchain kaise kaam Karta hai?

 Blockchain kaise kaam karta hai

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Blockchain एक विकेन्द्रीकृत (decentralized) प्रणाली है जो की वितरित कंप्यूटर नेटवर्क पर डिजिटल बहीखाता (database) की तोर पर काम करती है। और उसे एक बार रिकार्ड करने के बाद उसमें बदलाव करना असंभव होता है। एक blockchain के transaction (लेनदेन) को रिकॉर्ड करने के लिए उसे कही महत्वपूर्ण steps (चरणों) से गुजरना पढ़ता है। उसका हम पूरा विवरण करेंगे लेकिन उससे पहले मैं आपको आसान भाषा में बताता हूं कि, Blockchain kaise kaam Karta hai?


How does blockchain work step by step in hindi?

transaction in blockchain - blockchain kaise kam karti hai

Step 1 : लेनदेन का अनुरोध।

जब हम blockchain technolgy का इस्तेमाल करके कोई भी लेनदेन करते है, तो उसे सबसे पहले सभी वितरित नेटवर्क के शक्तिशाली computers में भेजा जाता है। जिसे हम nodes भी कहते है।

spreading to all network & confirmation - blockchain kaise kam karti hai

Step 2 : नेटवर्क में प्रसारण और पुष्टि। 

यह दुनियांभर से मिलकर बने इस नेटवर्क के हजारों computer nodes उस लेनदेन की confirmation (पुष्टि) करते है algorithms का इस्तेमाल करके। उसे हम mining (माइनिंग) कहते है। उन miners (माइनर्स) को उसके बदले में rewards मिलते है। 

Formation of new block - blockchain kaise kam karti hai

Step 3 : नया ब्लॉक तयार। 

Cryptographically (क्रिप्टोग्राफिक) रूप से लेनदेन की पुष्टि होने के बाद, वह एक block के वितरित खाता बही में रिकार्ड हो जाता है। नेटवर्क के बहुतांश लोगों के सहमती से वह लेनदेन को सही माना जाता है।

Block added to the existing chain- blockchain kaise kam karti hai

Step 4 : पहले से बनी चैन से जुड़ना।

वह नया block पहले से बने लेनदेन के block के chain के साथ जाकर पूरी तरह से जुड़ जाता है cryptographic fingerprint (जो एक विशिष्ट और अलग प्रकार का code होता है) की मदत से जिसे हम Hash भी कहते है।

Successfull transaction - blockchain kaise kam karti hai

Step 5 :  लेन-देन सफल ।

Block जाकर chain से जुड़ने के बाद वह लेनदेन सभी नेटवर्क्स से जुड़े लोगों को मिल जाती है। और उनके पास भी उसका रिकार्ड दर्ज हो जाता है। इस तरह से एक पूरी लेनदेन blockchain में record होती हैं। 

Note: Blockchain में लेनदेन cryptocurrencies, जानकारी (data), या फिर किसी asset कि जो खुदमे एक value रखती है, इसकी की जाती है। 

Features of Blockchain In Hindi :

  Blockchain एक सुरक्षित प्रणाली है यह हम जानते है लेकिन इसे इतना सुरक्षित बनाने के लिए इसमें कहीं सारे अलग अलग तरह के Features डाले गए है, जिससे इसे कोई भी छेड़छाड़ नहीं कर सकता। तो हम कुछ blockchain के features की बात करेंगे जो मुख्य भूमिकाएं निभाती है।

Features of Blockchain In Hindi : 

Block (block number, timestamp, nonce, data, previous hash, hash)
Hashing (Unique character code & fix length)
Distributed P2P Network
Proof of work (Mining)

1. Block :

structure of two blocks linking in blockchain

1. Block Number (BN) : 

Block Number हमें उस block का स्थान दिखाता है कि, वह कितने नंबर का block है। blockchain में हर block का अपना अपना एक अलग block number होता है और वह उसी तरीके से क्रम में जुड़ा होता है। 

2. Timestamp : 

Timestamp यह एक ऐसा छोटा सी जानकारी होती है जो हर एक block को unique और क्रमिक रूप देती है। जिसका उद्देश या मुख्य कार्य उस सटीक क्षण को निर्धारित या रिकॉर्ड करना होता है जिस वक्त block की mining और नेटवर्क द्वारा verify (सत्यापित) किया जा रहा है।

3. Nonce :

Nonce एक Cryptographic communication (क्रिप्टोग्राफिक संचार) में केवल एक बार इस्तेमाल की जाने वाली संख्या। 

Nonce यह blockchain में hash से या कूट रूप से जोड़ा गया एक four bit अंक होता है। जिससे मिलकर उस block का एक hash बनता है। अलग अलग nonce के अंको से अलग अलग hash बनता है। वह nonce खुदमें किसी काम का नहीं होता है या उसकी कोई value (कीमत) नहीं होती है, वह तो सिर्फ एक विशिष्ट प्रकार के लक्षित hash को generate (तयार) करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 

Miners को एक लक्षित hash तयार करना होता है, इसीलिए वह अलग अलग nonce (अंक) डालकर वह लक्षित hash तयार करने की कोशिश करता है। अगर वह लक्षित hash तयार करने में समर्थ रहा तो उसे rewards मिलते हैं।

4. Data : 

Data यह block का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है, इसी को सुरक्षित रखने के लिए इतनी तकनीकी बनाई जा रही है। 

Data मतलब एक तरह का सूचनाओं या जानकारी का संग्रह जो कुछ भी हो सकता है। जैसे : किसी चीज के लेनदेन की जानकारी, सहभागी लोगों की जानकारी, लेनदेन का समय, मात्रा, गुणवत्ता, तथ्य, आदि।यह data अलग अलग तकनीकी के प्रणाली के अनुसार अलग तरीके का हो सकता है। 

5. Hash : 

Hash यह एक unique (एकमेव) code होता है जिसे हम cryptographic fingerprint भी कहते है, जो हर बार एक ही आकार का होता है। जो की हर block के लिए अलग होता है। Hash का कोड hexadecimal values (0 से 9 और A से F) में होता है।  यही अंक और अक्षर लेकर यह hash का कोड बनता है। 

पूरे block का एक unique hash तयार होने के लिए उसे block number, timestamp, Nonce, data, और Previous Hash इन सब का इस्तेमाल होता है। अगर इसमें थोड़ा सा भी बदल हुआ तो hash का कोड अलग तरह से बन जायेगा। 

6. Previous Hash : 

 एक block के अगले वाले block का hash code उसका previous hash होता है। मतलब पांचवे वाले block का previous Hash उसके पहले वाले मतलब चौथे block का hash code होता है।  Previous Hash की वजह से Chain के blocks एक सटीक sequence (क्रम) में लगने में सहाय्यक होते है। 

2. Hashing 

Unique character code & fix length
Use hexadecimal values (0-9 & A-F)
Block number + Timestamp + Nonce + Data + Previous Hash = Hash 

Hash एक गणितीय फ़ंक्शन है जो मनमानी लंबाई के निवेश की गई जानकारी या input को एक निश्चित लंबाई के कूट रूप से दिए गए सुलझाव या आउटपुट में परिवर्तित करता है। इसीलिए hash हमेशा एक ही आकार का होता है। 

उदाहरण: Bitcoin के प्रणाली में वह SHA-256 Hash function इस्तेमाल होता है। जो किसी भी लंबाई को 64 characters के code में परिवर्तित करता है।  

इसके अलावा hash का इस्तेमाल इसीलिए भी किया जाता है क्योंकी यह ‘one-way‘ होता है। इससे हम ‘reverse-engineer‘ नहीं कर सकते। इसका मतलब हम एक data डालकर hash तो बना सकते है लेकिन उसी hash से हम वह data नहीं बना सकते।

उदाहरण: हम दूध (milk) डालकर उससे चाय (tea) तो बना सकते है लेकिन वापस चाय से दूध नहीं बना सकते। 

हम अगर फिरसे वही same data डाले तो हमें वहीं समान same hash मिलेगा। लेकिन थोड़ा सा भी data अलग हुआ तो hash बदल जाएगा। इसीलिए अगर आप पहले से hash जानते होंगे तो आप data डालकर सत्यापित करके देख सकते है कि, data समान है या नहीं !

3. Distributed P2P (peer-to-peer) Network: 

Peer-to-peer Network जिसे हम ‘पी 2 पी’ भी कहते है, वह एक decentralized (विकेन्द्रीकृत) नेटवर्क संचार है जो कही सारे उपकरणों (nodes) का समुह होता है और हर एक उपकरण जानकारी संग्रहित, Verify (सत्यापित) और साझा (आदान- प्रदान) करता है। 

इस नेटवर्क में, जानकारी का संचार किसी केंद्रीय प्रशासन या किसी एक server से नहीं किया जाता है, जिसका अर्थ है कि, सभी जुड़े हर एक उपकरण (computers) में समान अधिकार होते है, वे समान कार्य करते हैं और सब में एक ही तरह की जानकारी (data) मौजूद होता है। अगर हमें पूरे नेटवर्क को stop (बंद) करना है तो हमें हर एक उससे जुड़े उपकरणों (nodes) को stop करना होगा क्योंकि, हर एक उपकरण स्वतंत्र रूप से कार्य करता है।

Blockchain में P2P लेनदेन का मतलब है, वह सिर्फ दो लोगों के बीच में की जाती है बिना किसी third party या मध्यस्त के। 

अगर हम centralised (केंद्रीकृत) नेटवर्क की बात करे तो, वहां पर सारी जानकारी सिर्फ एक server या database में स्टोर होती है, तो उसके अंदर की जानकारी उस server का मालिक कभी भी बदल सकता है। या कोई hacker उसे सहजता से hack कर सकता है और किसी को पता नहीं चलेगा।

लेकिन decentralized (विकेंद्रीकृत) नेटवर्क की बात करे तो यहां पर कोई एक इंसान उस blockchain के वितरीत distributed server से data बदल नहीं सकता या उसे कोई hack नहीं कर सकता। क्योंकि, blockcahin में ऐसी प्रणाली होती है कि, उसमे एक ठराविक समय के बाद हर एक सहभागी उपकरन नेटवर्क के दूसरे उपकरणों की जानकारी check (देखता) रहता है और हर जगह same Data होता है, अगर उसे कहीं पर data अलग लगा तो उस उपकरण के data को बाकी उपकरणों के data से match (मिलाकर) देखता है और वह सबसे अलग हुआ तो उसे अपने आप ठीक कर लेता है।

उदाहरण: अगर कोई hacker किसी node के data को hack करना चाहता है, और उसने उस node के data को hack करके बदल भी दिया तो भी उससे कुछ फायदा नहीं होगा क्योंकि blockchain प्रणाली जब सभी उपकरणों को एकदुसरे से match करेगी तो उसे पता चल जायेगा कि, इस उपकारण का data बदला गया है और वह फिरसे सही data हो जायेगा। 
इसीलिए अगर hacker को data बदला ही है तो उन सब नेटवर्क्स के nodes के data को भी बदलना पड़ेगा लेकिन यह असंभव है क्योंकि नेटवर्क हजारों लाखों nodes से मिलकर बनता है। और उसे इन सब nodes के data को कुछ seconds में ही बदलना होगा नहीं तो blockchain एकदूसरे से match करके वह data पहले की तरह कर देगा। 

4. Proof of work (Mining)

Proof of Work (PoW) यह blockchain नेटवर्क में एक original consensus algorithm (मूल सर्वसम्मति एल्गोरिथम) है। Proof of work (PoW) की सुरुवात 1993 में हुई थी। इसकी Moni Naor और Cynthia Dwork ने कल्पना की थी।

Proof of work यह एक तकनीक है जो blockchain के बही खाता में रिकॉर्ड किए हुए new transaction (नई लेनदेन) की सटीकता को verify (सत्यापित) करता है। Blockchain विकेंद्रीकृत प्रणाली में कोई केंद्रीय अधिकार या प्रमुख अधिकार नहीं होता है इसीलिए data की अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए blockchain में proof of work का इस्तेमाल किया जाता है। 

Proof of work करने के लिए दुनियाभर के कही सारे लोग जिन्हें हम Miners कहते है, वे सहभाग लेते है। और उनमें सबसे पहले नए लेनदेन से बने block को blockchain में जोड़ने वाले व्यक्ती बनने के लिए प्रतिस्पर्धा होती है और इसी प्रतिस्पर्धा को हम Mining कहते है।

Mining में उन्हें एक mathematical puzzle (पहेली) को solve करना पढ़ता है। Puzzle में उन्हें एक Hash code को बनाना होता है जो कि block की पूर्वनिर्धारित स्थि‍ति को संतुष्ट करता हो। Hash code को generate (बनाने) के लिए miners ‘Nonce’ का इस्तेमाल करते है। हर एक block का Targeted (निश्चित) Hash code पहले से ही तय किया होता है। 

Miners block के अंदर के Nonce को बदलते रहते है जब तक वह निर्धारित जरूरतों से बना Hash code नहीं बना लेते। Mining में प्रतिस्पर्धी Nonce को बदलते है और जब hash की value निश्चित value से कम की ना मिले, जब वह hash बन जाता है तभी वह accept (स्वीकारा) जाता है। 

जब कोई minor को वह Hash मिलता है जो लक्ष्य आवश्यकताओं को पूरा करता हो तो, तब वह जल्द से जल्द उसे दुनिया भर में (transmit) प्रसारित करता है। और उसके बाद उस दावे को कोई भी verify सत्यापित कर सकता है। 

वैसे मूल रूप से proof of work algorithm में किसी Nonce को generate करके targeted hash बनाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता है। लेकिन दूसरों से इसे सत्यापित करना बहुत ही आसान होता है। इतनी ज्यादा मेहनत के बाद उस miner को कुछ reward दिए जाते है cryptocurrency के रूप में। 

इसी प्रकार जब कोई miner लेनदेन से बने नए block के hash को verify करता है तभी वह block जाकर उसके पहले वाले block की chain के साथ जाकर जुड़ जाता है। तो इसी सारी प्रक्रिया को proof of work कहा जाता है। 

Types of Blockchain In Hindi :

Blockchain को सब लोग मूल रूप से सुरक्षित नेटवर्क में लेनदेन करने के लिए करते है, इसीलिए लोग Blockchain के बही खाता को कहीं सारे अलग अलग तरीकों से इस्तेमाल करते है। कोई भी इस multichain को अपने संवेदनशील (data) जानकारियों तक बिना किसी अधिकार के पहुंच को रोकने के लिए उपयोग कर सकता है या स्थापित कर सकता है। Blockchain के अलग अलग तरीके के इस्तेमाल को देखते हुए हमने इसे 4 प्रकारों में विभाजित किया है। 

types of blockchain - ब्लॉकचैन के प्रकार

Types of Blockchain In Hindi :

Public Blockchain
Private Blockchain
Hybrid Blockchain
Consortium Blockchain

1. Public Blockchain

Public Blockchain इसके नाम से ही हमें पता चल रहा है कि, यह Public यानी सार्वजनिक, सबके लिए खुला है जिसका मतलब है की इसपर किसी एक का अधिकार नहीं है और किसी को कोई प्रतिबंध (restrictions) भी नही है। जिसके पास computer और internet की सुविधा है वह इस blockchain network में आकार जुड़ सकता है या इसमें सहभाग ले सकता है। 
इस public blockchain में जुड़े सभी के पास (same copy of data) एकसमान जानकारी के प्रतियां होती है। और इस public blockchain में हम हर एक लेनदेन को verify (सत्यापन) भी कर सकते है। 

Uses (उपयोग) : Voting, Fundraising.

Secure : public blockchain आकार में बहुत बड़े नेटवर्क होते है। बड़े आकार के होने के कारण इसमें data बहुत जादा वितरित हो जाता है और इससे उतनी ही सुरक्षा अधिक बढ़ जाती है। 

Anonymous identity : public blockchain में आपको लेनदेन को करने के लिए सुरक्षित जगह मिलती है और उसके साथ साथ आप अपनी identity (नाम, पहचान) को गुप्त रख सकते हो। आपको अपनी पहचान देखाने की जरूरत नहीं होती। 

Disavantage (नुकसान) : यहां पर कोई central authority (केन्द्रीय अधिकार या प्रमुख अधिकार) किसी का नहीं होता इसीलिए जो भी हमें यहां करना होगा वह बहुत ही सोच समझकर करना होगा। क्योंकि, अगर कुछ गडबड हुए या गलती हुई तो आप ही खुद उसके जिमेदार होंगे। 

Example : Bitcoin, Ethereum

2. Private Blockchain

Private Blockchain में public blockchain की तरह decentralized (विकेंद्रीकृत) नेटवर्क नहीं होता, यहां पर सिर्फ कुछ (selected) चुनिंदा या निर्धारित लोग ही इसमें जुड़कर सहभाग ले सकते है जिनके पास अधिकार या अनुमति है। 

Private Blockchain एक closed (बंद) नेटवर्क में संचालित होते है। और ऐसे private Blockchain को जादातर किसी company या organisation के कार्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यहां हम अपने हिसाब से नेटवर्क बनाते है और सहभागी रखते है।

इसमें लेनदेन की प्रक्रिया बहुत ही जल्द गति से होती है public blockchain के तुलना में। क्योंकि, इसमें कम लोग सहभागी होती है इसी वजह से हर एक node को verify (सत्यापित) करने के लिए कम समय लगता है। 

Uses (उपयोग) : Supply chain management, Asset ownership, Internal voting.

Disadvantages (नुकसान) :

private blockchain में सहभागित nodes कम या निर्धारीत होते है इसीलिए यहां पर (data) जानकारी को (manipulate) हेराफेर करना उतना मुश्किल नहीं होता है। 
यहां पर कम सहभागी (computers) है, इसीलिए अगर nodes कभी offline (internet से दूरी होना) हो गए तो blockchain की संपूर्ण प्रणाली को बड़े खतरे का सामना करना पढ़ सकता है। 

Example : IBM, Hyperledger, R3 Corda.

3. Hybrid Blockchain

Hybrid Blockchain में public और private Blockchain दोनों की खूबियां मिली होती है। जिसमे से कुछ हिस्से को private organization या संगठन द्वारा कार्यरत होता है वे इस को नियंत्रित करते है और अन्य हिस्सों को public (सार्वजनिक) लोगों के लिए खुला होता है। Hybrid Blockchain में संगठन के हिस्से में जुड़ने के लिए permission (अनुमति) की जरूरत होती है। और सार्वजनिक हिस्से में जुड़ने के लिए किसी भी अनुमति की जरूरत नहीं होती। 

लेकिन hybrid Blockchain पर होने वाली लेनदेन को, नियंत्रित करने वाली संगठन भी नहीं बदल सकती या उसके साथ कोई छेड़छाड़ कर सकती है। 

इसका hybrid होने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि, लेनदेन करने की प्रक्रिया बहुत कम दाम में होती है क्योंकि, यहां पर केवल कुछ nodes (miner) ही लेनदेन को verify (सत्यापित) करते है। सब miners सत्यापित करने के लिए प्रतिस्पर्धा नहीं करते है इसीलिए उसके rewards का मूल्य बहुत कम हो जाता है। 

Structure : हम इसमें बहुत जादा अपने हिसाब से customize (अनुकूलित) कर सकते है लेकिन फिर भी यह बहुत ज्यादा सुरक्षित और सुचारू रूप से बनाकर रख पाता है। 

Use (उपयोग) : Real estate, Retail 

Disadvantages (नुकसान) : hybrid blockchain में private संगठनों द्वारा कार्यरत किया जाता है, तो संगठन लोगों से कोई बाते छुपा भी सकते है। इसीलिए इसमें उतनी पारदर्शिता नहीं होती है। 

Example : XinFin

4. Consortium Blockchain 

Consortium Blockchain को Federated Blockchain भी कहा जाता है। Consortium blockchain प्रणाली private Blockchain की तरह ही होती है। जहां कि, लेनदेन की (verification) मान्यता, लेनदेन शुरू या प्राप्त करना सब चीजें कुछ निर्धारित nodes (सहभागी) ही कर सकते है। 

कुछ ही सहभागी लेनदेन को सत्यापित कर सकते है इसीलिए सत्यापित करने की प्रक्रिया जल्द गति से होती है, जिससे संस्थाओं को फायदा मिलता है। Consortium blockchain में एक से ज़्यादा organisations संस्थाएं मिलकर blockchain को नियंत्रित करते है। 

कहीं सारे संस्थाएं इसमें भाग ले सकते है इसीलिए consortium blockchain को एक तरीके से decentralized (विकेंद्रीकृत) प्रणाली बनाते है और public blockchain की विकेंद्रीकृत प्रणाली की तुलना में, consortium blockchain अधिक सुरक्षित और कुशल है। 

Uses (उपयोग) : Banking & payments, research, food tracking. 

Disadvantages (नुकसान) :

Consortium blockchain में कोई भी निर्णय तेजी के साथ हम नहीं ले सकते क्योंकि, हर निर्णय हमें सभी संस्थाओं के सहमति से लेना होता है और यही चीज blockchain को (less flexible) कम लचीला बनाती है
Consortium में पारदर्शिता बहुत कम होती है public blockchain के मुकाबले। और इसे आसानी से hack भी किया जा सकता है अगर हम निर्धारीत node समझौता करे तो। 

Example : Hyperledger.

Future of Blockchain In Hindi :

" I think Blockchain is gonna be a very critical technology for the future development of world. It's not only about financing, blockchain technology is not about Bitcoin, bitcoin is just a small function of Blockchain technology. I am a strong believer of the blockchain technology " - jack ma

मुझे लगता है कि दुनिया के भविष्य के विकास के लिए ब्लॉकचेन एक बहुत ही महत्वपूर्ण तकनीक होगी। यह केवल वित्तपोषण के बारे में नहीं है, ब्लॉकचेन तकनीक बिटकॉइन के बारे में नहीं है, बिटकॉइन तो ब्लॉकचेन तकनीक का एक छोटा सा कार्य है। मैं ब्लॉकचेन तकनीकी का दृढ़ विश्वासी हूं।

– Jack Ma

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" Well I think it is working. And their will be other currencies like it that may, may be even better but in the mean time there is a big industry around Bitcoin and you know people made fortunes at bitcoin some people lost money out at bitcoin. It's volatile but you know in volatility people can make money out of volatility. " - Richard Branson

” हां, मुझे लगता है कि यह काम कर रहा है। और उनकी अन्य मुद्राएं इस तरह की होंगी, जो और भी बेहतर हो सकती हैं, लेकिन इस बीच बिटकॉइन के आसपास एक बड़ा उद्योग है। और आप जानते हैं कि लोगों ने बिटकॉइन में भाग्य बनाया है, कुछ लोगों ने बिटकॉइन में पैसा खो दिया है। यह अस्थिर है लेकिन आप जानते हैं कि अस्थिरता में लोग अस्थिरता से पैसा कमा सकते हैं। ” 

– रिचर्ड ब्रैनसन

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" So where I see crypto is as respectively is a replacement for cash but not as a replacement for as primary. Or not as I do not see crypto as the primary database. " - Elon musk

इसलिए जहां मैं देखता हूं कि क्रिप्टो एक तरह नकदी के लिए एक प्रतिस्थापन है, लेकिन यह प्राथमिक रूप में प्रतिस्थापन नहीं हो सकता या, नाही मैं क्रिप्टो को प्राथमिक डेटाबेस के रूप में देखता हूं। 

– एलोन मस्क

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