Introduction
आजकल की बढ़ती हुई पैसों की दुनिया में Finance (वित्त) और accounting (लेखांकन) के बारे में जानना बहुत जरूरी है। अब हम उसी क्षेत्र के कुछ अवधारणाओं के बारे में जानेंगे जो बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो है Debit और Credit. यह debit और credit बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं किसी भी पैसों के संबंधी व्यवहार में, इसे कई सारी जगह इस्तेमाल किया जाता है।
जैसे: banking (बैंक) के क्षेत्र में debit और credit इस्तेमाल bank account 🏦 (बैंक अकाउंट) की बढ़ोतरी या घटोतरी दिखाने के लिए की जाती है। accounting के क्षेत्र में डेबिट और क्रेडिट का इस्तेमाल वित्तीय लेनदेन को दोहरी प्रविष्टि बहीखाता प्रणाली लेखांकित करने के लिए किया जाता है। वैसे ही इसे कंपनियों में उनकी वित्तीय स्थितियों को दर्शनों के लिए balance sheets में debit और credit का इस्तेमाल किया जाता है।
इस आर्टिकल में हम debit और credit के बारे में और अधिक विस्तार से जानेंगे कि debit & credit meaning in hindi (उसका मतलब क्या होता है?) वह आखिर क्या होता है? वह इतना महत्वपूर्ण क्यों है? उसका क्या इस्तेमाल होता है? किस तरह कही सारे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके बारे में कहीं सारी नई बातें भी जानेंगे जो हमें उसे सही तरीक़े से समझने में मदत करेगी।
Debit and Credit Meaning in Hindi
Debit और credit यह शब्दों का उपयोग अलग अलग जगहों पर अलग अलग तरह से होता है इसलिए debit और credit की meaning हर जगह अलग होती है। आमतौर पर meaning of debit (डेबिट का मतलब) अपने पास से कुछ जाना या किसी को भेजना होता है। और meaning of credit (क्रेडिट का मतलब) अपने पास कहीं से कुछ आना या मिलना होता है।
बैंक के क्षेत्र में पैसों की लेनदेन को debit (Dr) और credit (Cr) से दिखाते है। जहां debit मतलब अपने अकाउंट में पैसा आना और credit मतलब अपने अकाउंट से पैसा जाना। debit और credit का मतलब व्यवसाय में assets का बढ़ना और liabilities या equity के बढ़ने को दर्शाता है। डेबिट और क्रेडिट का मतलब नकारात्मक और साकारात्मक स्थिति को भी दर्शाता है लेकिन यह हर बार ऐसा ही नहीं होता।
Credit and Debit in Banking:
Banking के क्षेत्र में credit और debit को bank account की स्थिति और उसमें होने वाले बदलाव को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हम अकसर अपने bank की तरफ से आए हुए संदेश में इन शब्दों को देखते है। जैसे आप इस नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट में देख सकते है जो की bank of india की तरफ से आया है।
Credit meaning in banking:
Credit का मतलब आपके बैंक के खाते में पैसे आना। किसी और के खाते से आपके पास पैसे आना उसे banking में credit कहते है। आप नीचे की स्क्रीनशॉट में क्रेडिट मूल्य को देख सकते है जो की बैंक की तरफ से आया है। इसमें Rs.150 मेरे खाते में आए है तो उन्होंने मुझे “Rs.150 credited to your AC” ऐसा संदेश भेजा है।
Debit meaning in banking:
Debit का मतलब आपके बैंक के खाते से पैसे निकले हैं या आपने किसी और के खाते में भेजें है। तब आपको debit का संदेश बैंक से प्राप्त होगा। जैसे मैंने जब Rs.50 किसी को भेजा तो बैंक की तरफ से मुझे “Rs.50.00 has been Debited to Your AC.” का संदेश प्राप्त हुआ है आप नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट को देख सकते है।
आसान शब्दों में समझे तो क्रेडिट आपके बैंक की राशि को बढ़ता है और डेबिट आपके बैंक की राशि को घटाता है। और यह इतनी छोटी से चीज़े बैंक की क्षेत्र में कहीं बढ़ी भूमिकाएं निभाती है। इसके बिना बैंक की प्रणाली काम ही नहीं कर सकती।
Debit and Credit on a Balance Sheet
Balance sheet एक तरह का वित्तीय बयान होता है जो कि, किसी भी व्यवसाय की एक निश्चित समय की वित्तीय स्थिति को दर्शाता है। यह व्यवसाय के assets, liabilities, हिस्सेदारी और वह सभी चीजों को दर्शाता है जो एक कंपनी के पास बकाया होते है। Balance sheet के बाएं ओर asset लिखे हुए होते है दाएं तरफ liabilities और equity लिखी हुई होती है।
यहां पर debit और credit वस्तुओं को सही से balance sheet में रखने में मदत करते है। Debit (Dr) व्यवसाय की assets को बढ़ते हुए दर्शाता है। इसका मतलब जब कोई कंपनी नए assets लेती है जैसे: संपत्ति, साधन या inventory. तो उन्हें बाएं और लिखा जाता है और उन्हें debits कहा जाता है। और जिस पैसों से कंपनी वह assets खरीदती है उसकी वजह से पैसे कम होते है तो उस पैसे के हिसाब को credit कहते है जिसे balance sheet के दाएं और लिखा जाता है।
और दूसरी तरफ, Credit (Cr) व्यवसाय के liabilities और equity को बढ़ते हुए दर्शाता है। liabilities मतलब जब हम किसी से उधार लेते है, तो उसे क्रेडिट कहा जाता है। और वैसे ही जब कंपनी अपने shares बेचती है तो उसे credit कहा जाता है। Balance sheet में डेबिट और क्रेडिट का सही तरह से उपयोग को समझना बहुत जरूरी होता है क्योंकि यह sheet व्यवसाय को निर्णय लेने में भी मदत करती है।
Debit & Credit in Double Entry Bookkeeping
Double entry bookkeeping (दोहरी प्रविष्टि बहीखाता) में हर एक वित्तीय लेनदेन को दो भागों में विभाजित करके लिखना होता है जिसमें एक हिस्सा credit (Cr) का होता है और दूसरा debit (Dr) का होता है। Debit entry को अकाउंट के बाएं हाथ की ओर लिखा जाता है और credit entry को दाएं हाथ की ओर लिखा जाता है।
Double entry bookkeeping में debit का मतलब व्यवसाय के assets या खर्चों का बढ़ना या फिर राजस्व या इक्विटी (हिस्सेदारी) को कम करना होता है। और दूसरी तरफ credit का मतलब liabilities, हिस्सेदारी, या राजस्व का बढ़ना और assets और खर्चों का कम होना होता है।
उदाहरण :– जब भी कोई कंपनी पैसे देकर उत्पाद या भंडार को (inventory) खरीदती है तो उस inventory account को debit कहते है क्योंकि उससे व्यवसाय के assets बढ़ते है और जो पैसे देकर हमने वो खरीदा है उन पैसों को cash account में credit कहते है। और दुसरी तरफ कंपनी अगर बैंक से पैसे लेती तो, वह अपने cash account को बढ़ाती है तो उसे हम debit कहते है और liability account (जो ऋण के मूल्य को दर्शाता है) उसे credit कहते है।
Double entry bookkeeping में कोई भी लेनदेन होती है तो एक लेनदेन को दोनो अकाउंट में लिखना होता है। इस प्रणाली हमेशा (assets = liabilities + equity) इस सूत्र को संतुलन में रखा जाता है।
Credit Balance & Debit Balance in Hindi
Credit और debit यह शब्द सिर्फ बैंक या accounting तक ही मर्यादित नहीं है। जैसे: credit balance का मतलब अगर आप किसी कंपनी के ग्राहक है तो आपके पास credit balance के तौर पर कोई points या rewards हो सकते है जो आपको उनके साथ की गई खरीदी से मिले हो। जिसे आप दूसरे उत्पाद खरीदते वक्त छूट (discount) के लिए इस्तेमाल करते हो।
वैसे ही दूसरी तरफ debit balance मतलब आपका खर्चा बिल (utility bill) या उधार खाता हो सकता है जिसे आपको बादमें देना होता है। नहीं तो आपकी सेवा बंद हो सकती है या उपलब्द मूल्य से अधिक मूल्य देना देना पढ़ सकता है। इसे debit balance कहते है। सहज रूप से समझे तो debit balance नकारात्मक स्थिति को दर्शाता है और credit सकारात्मक स्थिति को दर्शाता है।
Debit Card v/s Credit Card
Debit Card
Debit card यह एक प्लास्टिक का पेमेंट कार्ड होता है जो हमारे बैंक अकाउंट के साथ जुड़ा हुआ होता है। जब हम कुछ खरीदी के लिए या फिर लेनदेन के लिए debit card का इस्तेमाल करते हैं तो तब पैसे सीधे हमारे बैंक अकाउंट से कटते है और हमारा भुगतान पूरा होता है। debit card से हम अपने बैंक अकाउंट के अंदर के पैसे ATM 🏧 द्वारा नकद निकाल सकते हैं। इसकी मदत से हम लेनदेन और किसी भी तरह का भुगतान कर सकते है। Debit card यह एक बेहतरीन तरीका है अपने पैसों का प्रबंधन करने के लिए।
Credit Card
Credit card यह भी एक प्लास्टिक का payment card (भुगतान का कार्ड) होता है जो हमें किसी बैंक से या फिर वित्तिय संस्थान से मिलता है। credit card हमें निर्धारीत मूल्य तक उधार लेने में मदत करता है मतलब जब हम इसकी मदत से कोई भुगतान करते है तो तब वह पैसा हमारे बैंक की तरफ से मिलता है। जिसे हमें बादमें निर्धारीत समय से पहले वापस करना पढ़ता है, उसमें ब्याज और अन्य शुल्क भी लगता है। credit card का इस्तेमाल कुछ भी खरीदने के लिए या ऑनलाइन commerce पर shopping करने के लिए भी कर सकते है और बादमें उसका भुगतान कर सकते है।
Conclusion
Debit और credit यह दो बहुत महत्वपूर्ण पहलू है इस वित्तीय, एकाउंटिंग और बैंकीय क्षेत्र में। लेकिन debit and credit meaning हर क्षेत्र में उसके इस्तेमाल को देखते हुए थोड़ी सी अलग-अलग होती है। वित्तीय लेनदेन में debit और credit ज्यादातर पैसों के आने और जाने के संदर्भ को दर्शाते है। हमने इस आर्टिकल में बैंक के क्षेत्र में डेबिट और क्रेडिट के इस्तेमाल को जाना और साथ में इसका double entry bookkeeping और एकाउंटिंग के क्षेत्र में भी इसका क्या मतलब होता है यह भी जाना।
इसमें हमने डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड को भी जाना और क्रेडिट बैलेंस को डेबिट बैलेंस को भी जाना। मतलब लगभग हमने डेबिट और क्रेडिट के मतलब को हर तरह से जाना है। तो आपको यह आर्टिकल कैसा लगा? इसमें और क्या होना चाहिए था? आप हमें comment box में लिखकर बता सकते हैं। या फिर अगर आपके कोई suggestions या feedback हो तो वह भी आप हमें comment box में बता सकते है। तो मिलते है अगले आर्टिकल में, धन्यवाद!
very good
thanks, interesting read