How Do I Become Mentally Strong In Hindi? ( मानसिक रूप से मजबूत कैसे बने?)


आज के समय में मानसिक तनाव सबसे बड़ी समस्या बन रही है और भविष्य में यह तो बहुत जादा बड़ी बन जायेगी। मानसिक तनाव आपके मस्तिष्क को अंदर से खोखला कर रहा है इससे Anxiety, Depression, Stress, और कही तरह की तकलीफे घेर सकती है इसीलिए आपको मानसिक रूप से तंदुरस्त बनना बहुत जादा जरूरी है।  मैं आपको 4 ऐसे तरीके बताता हूं जिससे आपको Mentally Strong बनने में मदत मिलेगी।


1. DEAL WITH YOUR EMOTIONS (अपनी भावनाओं को नियंत्रित करें)

अगर आपको mentally strong (मानसिक रूप से शक्तिशाली) तो सबसे पहले आपको शांत होना होगा और कुछ समय शांत होकर खुदके ही बारे में सोचना होगा कि, आपके साथ जो चीजें, घटनाएं, बातें होती है जो आपको बिलकुल पसंद नहीं है, तो उस वक्त उन चीजों को देखकर आप कैसा महसूस करते है? क्या आप खुदको एक कोने में बंद करके उदास घंटों बैठे रहते है? जब आप बहुत तनाव के हालात में होते है तब आप जादा खाना खाते है? अगर आपको घूस्सा आता है तब क्या आप शराब पीते है?

तो आपको यह समझना होगा कि, उन सभी आपके action (व्यवहार) जो आप उस वक्त कर रहे हो क्या वह एक कारगर तरीका है? क्या उस तरह का व्यवहार करने से वास्तव में क्या कोई उस परिस्थिति का हल निकलेगा? या फिर इससे आपको और आपके (mental state) मानसिकता को नुकसान होगा?  आपको अब समझ आ रहा होगा कि, आप के नापसंद चीजों के प्रति इस तरह का व्यवहार अच्छा नहीं है। इसलिए, अगर आपको mentally strong बनना है तो नापसंद परिस्थितियों से लढ़ने या मुकाबला करने के लिए आपको नए skills (कौशल) सीखने की जरूरत है। आप खुदको हानी पहुंचाने की बजाय या आत्म विनाशकारी व्यवहारों में संलग्न होकर अपने mental state (मानसिकता) को नुक्सान पहुंचाने के बजाय, इनमें से कुछ का प्रयास कर सकते है : 

आप अपनी परिस्थितियों को पन्ने में लिख सकते है। अपने गहरे विचार और उन नापसंद चीजों के बारे में कागज पर लिखने से आपको आपके mental state (मानसिकता) को और जादा समझने में मदत मिलेगी। खुदके परेशानियों को गहराई से अध्ययन होगा जिससे आपको उस परिस्थिति में किस तरह का mental state और व्यवहार रखना चाहिए यह समझ आएगा। आप अपनी मानसिकता को शांत बनाने के लिए रोजाना टहलने, दौड़ने, या शारीरिक गतिविधियां कर सकते है। आप ध्यान कर सकते है और अपने बुरे विचारों को निकाल कर अच्छे विचार डाल सकते हो। जितना जादा आप अच्छे विचारों को धारण करेंगे उतना जादा अपने mental state (मानसिकता) को अधिक मजबूत बना पाओगे और किसी भी नापसंद परिस्थितियों को बेहतरीन तरीके से मुकाबला करने के लिए सक्षम हो जाओगे।


2.DON’T WORRY ABOUT PLEASING OTHERS (दूसरों को खुश करने की चिंता न करें)

हम में से बहुत लोग है जो बहुत ज्यादा इसलिए काम करते हैं क्योंकि वह दूसरों को खुश कर सके। उन्हें लगता है कि, सब उनकी तारीफ करे। वह जो कुछ कर रहे उसे ही सही कहे। क्या में सही कह रहा हूं? हम में से बहुत लोक इसे माना भी कर सकते है और कह सकते है कि, नहीं हम किसीकी परवाह नहीं करते, लोग कुछ भी कहे हमें फरक नहीं पढ़ता। 

लेकिन लोगों के अस्वीकृती के भावना का दर्द छुपाने के लिए हम यह सब कह रहे होते है, लेकिन हमें अंदर से पता होता है कि, हम क्या है? अगर आप दूसरों को खुश करने के लिए काम कर रहे हो, तो यह ऊपरी तारीफे आपको वास्तव में खुशी नहीं देगी। हां कुछ पल के लिए अच्छा लगेगा लेकिन जीवन भर आपके mental health (मानसिकता) को अंदर से खुशी नहीं होगी क्योंकि आपकी आप प्रामाणिकता से जीवन नहीं जी रहे है, जैसे आपको जीना चाहिए या चाहते है।

अगर आप मानसिक रूप से मजबूत बनना चाहते हैं तो यह उसकी तरफ एक कदम हो सकता है कि, आप आप वास्तव में जिस प्रकार हो, जैसे जीना चाहते हो, जैसा कार्य करना चाहते हो वही करो। चाहे लोगों को वह चीज अच्छी लगे या ना लगे। यह चीज रातोरात नहीं होगी लेकिन आपको अपने दिल की जिंदगी जीते रहनी चाहिए। अगर आपको गाना गाना पसंद है तो आप खुलकर गा सकते हैं। अगर किसी के साथ अपनी दिल की बात कहना चाहते हो तो कर सकते हो। कहीं पर घूमना चाहते हो या कोई अलग काम करना चाहते हो तो वह कर सकते हो। जब आप अपना मनपसंद जीवन जिओगे तो यकीन मानिए सब लोग इस प्रकार की जिंदगी जीने के लिए आप का सम्मान करेंगे क्योंकि इस प्रकार का जीना, कोई और नहीं जी सकता।

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3.OVERCOME YOUR INNER CRITIC (खुदकी नकारात्मक आलोचओं पर काबू पाएं)

मानसिक रूप से त्रस्त लोगों की रिसर्च करने के बाद, उस रिसर्च से यह सामने आया कि, “एक दिन में we लोग 80% से जादा विचार खुदके नकारात्मक बातों के लिए करते है” इसीलिए सबसे जादा वह लोग असफल और मानसिक रूप से त्रस्त होते है, जो खुदके बारे में हरपल बुरा सोचते है। खुदके बारे मतलब अगर कोई समस्या हो गई तो उसका दोषी खुदको ठहराना, खुदको नकारा, नालायक की भावना से देखना, मुझसे कुछ नहीं होगा या मैं कुछ करने के लायक नहीं ऐसे कहना, खुदकी कमियों के बारे में अधिक सोचना, किसी भी परिस्थिति को नकारात्मक नजरिए से देखना, खुदको दूसरों से कम समझना, आदि। 

वही नकारात्मक विचार आपके असफलता की और कदम होता है इसीलिए हमे खुदकी नकारात्मक आलोचनाओं की बजाए यह सोचना चाहिए की आप क्या कर सकते हो, आपके कोनसी खूबी है, आपको खुदको भरोसा दिलाना होगा कि, आप जो चाहे वो कर सकते हो और आपके पास उतनी काबिलियत है। 

जब भी आपको वह नकारात्मक विचार या भाव आए तो तुरंत उसे देखना और सोचना की क्या यह सही भावनाएं है, क्या इसका कोई और नजरिया नहीं हो सकता। कोई परिस्थिति को देखकर वह नकारात्मक विचार क्यों आए इसके बारे में जाने। जितना हो सके खुदको वक्त देकर खुदके बारे में जाने। खुदके विचारों को जाने तभी आप पूरी तरीके से मानसिक रूप से स्वस्थ हो पाओगे।


4. GIVE UP BAD HABITS (बुरी आदतों को छोड़ो)

आपकी पूरी जिंदगी को बदलना चाहते हो तो शुरु का कदम यही है कि, “अपनी आदतों को बदलो, आदतें आपकी सोच बदलेंगी और सोच आपका नजरियां बदलेंगी और नजरिया आपका जीवन बदलेगी!” मानसिक रूप से हो या शारीरिक रूप से अगर आपको ताकतवर बनना है तो आपको आपके आदतों पर ध्यान देना चाहिए। 

कुछ लोग मानते है कि, सिर्फ जो लोग तामसिक चीजें होती है वही बुरी आदतें होती है जैसे: शराब पीना, धूम्रपान करना, नशा करना, अश्लील वीडियो देखाना, आदि। लेकिन ऐसा नहीं है। बुरी आदतों की सही व्याख्या कहे तो, “वह चीजें जिसे आप जरूरत से जादा करते हो उन्हे बुरी आदतें कहते है।” चाहे वह आदत किताब पढ़ने की हो, शारिरिक व्यायाम की हो, खाना खाने की हो, या चाहे कुछ भी हो, अगर वह चीजें आप जरूरत से कही अधिक कर रहे हो तो वह आपकी बुरे आदतें कही जाती है। 

हमें मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए तामसिक आदतें और बुरी आदतें दोनों के ऊपर ध्यान केन्द्रित करके उसपर काम करने की जरूरत होती है। और बुरी आदतों से अच्छी आदतों को अपनाना होता है। अच्छी आदतें मतलब कुछ नई चीजें सीखना, नई चीजों को जनाना, खुदको वक्त देना होती है। बुरी आदतों को कम करके उसकी जगह कुछ अलग चीजो की आदत आप डाल सकते हो। 


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